में कई यादो की महक अब भी बाकी है...मुझे डायरी लिखने का कभी शौक नही रहा..
लोगो को डायरी लिखता देख मै कभी सोचता था आखिर लोग ऐसा क्या लिखते
होंगे...कई बरस बाद मुझे आज अपने सहयोगी की हरे रंग की एक पुरानी डायरी देखने
का मौक़ा मिला...आज दिलीप {मेरा सहयोगी} काफी खुश और शायराना मूड में
था....उसने सुबह दफ्तर पहुचते ही मुझे अपना लिखा कुछ सुनाया...डायरी पुरानी थी
इस वजह से कई पन्ने अलग-थलग हो गए थे....चंद कविताये,कुछ शेर और पुरानी
प्रेमगाथा का कई पन्नो पर जिक्र डायरी लिखने के शौक को बयाँ कर रहा है...वक्त के

लेकिन यादो की महक अब भी खुशबू बिखेरती है....सबसे मजे की बात तो मुझे काफी
देर बाद पता चली,पन्ना-दर-पन्ना बचपन से लेकर जवानी के हसीं लम्हों को पढने की
कोशिश में तब खलल पड़ गया जब बीच में वास्तु-नियम का एक पन्ना आ गया...मूड
खराब तो हुआ लेकिन पढने की इच्छा ख़त्म नही हुई...मैंने पन्ना पल्टा तो दिशावो के
विषय में कुछ लिखा दिखा...मुझे लगा बेकार में डायरी पढ़ रहा हूँ...फिर भी दूसरे पन्ने
को ताकने लगा...किसी मोटी और मार्कर नुमा कलम से बड़े-बड़े अक्षरों में आड़ी-तिरछी
लिखावट नजर आई...पढ़कर अच्छा लगा,पूछने पर दिलीप ने बताया बिटिया के बारे
में लिखा है...बचपन,जवानी और बाप बनने की ख़ुशी कागज के पन्ने पर आकर ले
चुकी थी...हाँ बीच में वास्तु का एक पन्ना मूड को खराब जरुर कर गया था...
मैंने सोचा भी नही था की आगे कई और दिलचस्प बाते जानने को मिलेंगी...किसी पन्ने में फ़िल्मी गीतों का संग्रह,तो
किसी पेज पर देवी माता का जिक्र....बड़ी अजीबो-गरीब है ये डायरी. दिलीप ने बताया की इस डायरी के कुछ पन्ने उसकी शादी में हुए खर्च का ब्यौरा भी सहेजे हुए है...मतलब मेरे सहयोगी की शादी में क्या खाना बनाया गया,क्या-क्या सामान बाजार से लाया गया,सब लिखा था,जितना मैंने जाना उस लिहाज से ये यकीन से कह सकता हूँ मेरे दोस्त ने अपनी यादो की उस डायरी को भी सिन्धी की दूकान बना दी जहाँ सब कुछ मिलता है....आपको एक और मजे की बात बताऊँ दिलीप "सिन्धी" है...खैर मुझे उसके सिन्धी होने का मलाल नही है,डायरी पढने के बाद जो मलाल रहेगा वो ये की मेरे सिन्धी दोस्त ने यादो को पन्नो में समेटने की कोशिश भी "सिन्धी" अंदाज में की है.......
... kyaa baat hai !!!
ReplyDeleteहेल्लो . साक्षात्कार.कॉम ने अपना नया पत्रकारिता नेटवर्क शुरू कर दिया है . आप प्रेसवार्ता.कॉम नेटवर्क से जुड़कर आप समाचार , लेख , कहानिया , कविता , फोटो , विडियो और अपने ब्लॉग को जन जन तक भेज सकते है . इसके लिए आपको प्रेसवार्ता.कॉम पर जाकर अपना एक प्रोफाइल बनाना होगा . प्रेसवार्ता.कॉम से जुड़ने का लिंक www.pressvarta.com है .
ReplyDeleteसुशील गंगवार
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