Tuesday, October 26, 2010

ऐसी दबंगई और कहाँ...

                 

च्छी बातो पर व्यक्ति अमल करे ना करे बुराई को जल्दी अमल में लाता है... इसका प्रमाण है अभिनेता सलमान खान की फिल्म "दबंग"..."दबंग"दरअसल एक भ्रष्ट पुलिस अफसर की कहानी है...फिल्म में दिखाई गई दबंगई और भ्रष्ट छवि को हकीकत में खाकीवर्दी वाले नही मानते..पर सिनेमा हाल में बैठकर लोगो की तालियों और सीटियो का पूरा मजा लेते है...बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक जयंत थोरात दबंग देखकर १२ सितम्बर को निकले तो सिनेमा हाल के एक सुरक्षा कर्मी की पुलिस वालो ने हत्या ही कर दी...वजह बड़ी मामूली सी थी,उस सुरक्षाकर्मी ने बड़े साहेब{पुलिस अधीक्षक जयंत थोरात} को बिना पहचाने लाइन से चलने की सलाह दे डाली...बस साहेब की सुरक्षा में लगे जवानो ने उस सुरक्षाकर्मी को तब तक पीटा जब तक उसका दम नही निकल गया...ये खबर जब फैली तो कई रिश्तेदार,कोई शुभचिंतक बनकर पहले अस्पताल, फिर तारबाहर थाने में हंगामा मचाने पहुंच गए ...देर रात या यूँ कहें सुबह तक मजमा लगा रहा...सबकी यही मांग थी की दबंग पुलिसवालो{दोषी}के खिलाफ कार्यवाही हो...दबाव में खाकी वालो ने लीपापोती की लेकिन साहेब{पुलिस अधीक्षक जयंत थोरात} पाक साफ बच निकले,इस घटना के ठीक एक महीना चार दिन बाद ही बिल्हा के थानेदार पर साउंड सर्विस वाले की हत्या का आरोप लगा...१२सितम्बर को जीत टाकिज का हादसा,१६अक्तुबर को बिल्हा के थानेदार पर हत्या का संगीन आरोप लेकिन इन मामलो में सत्तापक्ष और विपक्ष की भूमिका निभा रही कोंग्रेस सांकेतिक हल्ला मचाने के अलावा कुछ नही कर सकी...लोग पुलिस की इस दबंगई को भूले भी नही थे की २५ अक्तुबर को सत्तापक्ष के एक पार्षद विजय ताम्रकार को यातायात के जवान ने राजनेतिक हवाला देने पर जमकर पीट दिया... बाद में भले ही कुछ सत्ताधारी लोगो ने उस सिपाही की पिटाई की,निलंबित करवा दिया और उससे माफ़ी मंगवाकर मामले को ख़ुशी-ख़ुशी निपटा लिया...लेकिन सत्तापक्ष के पार्षद की पिटाई और पूरी कार्रवाही  के बीच की जद्दोजेहद कम नही थी...प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के काफी करीबी पार्षद को पिटाई खाने के बाद करीब ढाई घंटे तक सडक पर बैठकर प्रदर्शन करना पड़ा,सबसे बड़ी बात लोगो की भीड़ जुटानी पड़ी....पार्षद की पिटाई हो गई ये सुनकर कांग्रेसी भी पहुँच गए...पुलिस की दबंगई का शिकार पार्षद लोगो की भीड़ देखकर दबंग बनने का नाटक करने लगा..

.तमाशाई और कुछ लोग पुलिस वालो को जमकर गालिंया देते रहे...इस राज्य में खासकर बिलासपुर जिले में कानून व्यवस्था की वास्तविकता का आंकलन इसी से लगाया जा सकता है की एक सिपाही के खिलाफ कार्रवाही करवाने में मंत्रीजी के खासमखास को पसीने छूट गये...प्रदेश की सरकार नौकरशाही के भरोसे चल रही है,ये यकीन से कहा जा सकता है....बिल्हा में भी जिस साउंड सर्विस वाले की हत्या कर लाश रेल पटरियों के किनारे फेंक दी गई उसके पिता बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता है..लेकिन जवान बेटे की मौत ने अहसास करा दिया कि दबंगो {पुलिस} के खिलाफ कारवाही करवाना आसान नही है...जब सत्ता में बैठे लोगो की बातो पर पुलिस कुछ नही कर रही, जब सत्तापक्ष के लोग सडको पर पिटने लगें तो समझा जा सकता कि आम आदमी कितना महफूज होगा.....

1 comment:

  1. "दबंग"..."दबंग"..bilaspur badnam hua ...pp tere liye..janta kam hua pp tere liye.. marzji ka aam hua ..pp tere liye... rate se rasta aam hua pp tere liye.. iss chere ko pechan le nerna mare hi jayenge!

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