Friday, November 5, 2010
विस्थापन का दंश...
इस ठण्ड में गरीबी कितनी ठिठुरेगी मै नही जानता,लेकिन इस गुलाबी ठण्ड में सुबह के वक्त अनायास ही मुझे उन आदिवासियों का ख्याल आ गया जिन्हें पिछले बरस ही जंगल की पुस्तैनी जमीन से बेदखल कर दिया गया था....कई पीढियों से जंगल में रहते आये आदिवासियों को उन शेरो के लिए विस्थापित कर दिया गया जिनकी वास्तविक संख्या का पता वन महकमे के अधिकारियो को भी नही है...कडकडाती ठण्ड में पिछले बरस आदिवासी अचानकमार अभ्यारण्य से खदेड़ दिए गए....आदिवासियों का परिवार लोरमी के पास खुले आसमान के नीचे घास फूस की झोपड़ियो में रहने को मजबूर हो गया ...बरसो पुराने जंगल के बीच बसे आशियाने के छूटने का मलाल,ठण्ड में कपकपाता बदन फिर आग उगलती गर्म हवाओ की मार,बाकी फजीहत बारिश में हुई ....ऐसा नही है की जंगल के आशियानों में ठण्ड,गर्मी और बारिश का असर नही होता था..लेकिन पुस्तैनी झोपड़ियो की छाँव मौसम की मार का असर नही होने देती थी.... नई जगह पर स्कूल,खेत,बिजली,अस्पताल होने का सपना दिखाकर आदिवासियों को बिना नए घर बने खुले आसमान के नीचे ले जाकर छोड़ दिया गया....६ गाँवों के आदिवासी एक साथ जंगल से बिना किसी व्य्स्वस्था के खदेड़ दिए गए.... जैसे-तैसे वक्त बीत गया,अब कुछ आदिवासी ईंट,रेत,सीमेंट के बने पक्के आशियानों में जिन्दगी की नई राह,नई रौशनी की उम्मीद में दिन काट रहे है...... विस्थापन की तमाम कवायदों के बीच वन महकमे के अधिकारियो ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की खुलेआम धज्जिया उड़ाई गई...लेकिन सरकारी रुपयों की बन्दर बाट में सब सफाई से ढँक दिया गया.....इस वीडियो में उन आदिवासियों के दंश को साफ देखा जा सकता है.......
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... shaandaar video recording and report ... behatreen post !!!
ReplyDeletebus stand bilaspur campus mai RAINBASERO ki durgati ko cover kare plz!
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