Thursday, December 23, 2010

झूठ को सच बनाने की कोशिश








     इन अखबारों की लगी कतरन और उसमे छपे पुलिस
     के तमाम बयानों को गौर करे तो पत्रकार सुशील
     के कातिल उनके कब्जे में है...दावे उस वक्त कमजोर
     हो जाते है जब क़त्ल करने वाले हथियार को जब्त
     करने की बारी आती है...पुलिस किस तरह से झूठ
     की बुनियाद पर तैयार कहानी को सच बताने की कोशिश कर रही थी देखिये इस वीडियो में....                 
                       
       

2 comments:

  1. नमस्कार जी
    बहुत खूबसूरती से लिखा है.
    क्या करे जी कुछ न कुछ तो कहना हैं
    सच नहीं तो झूठ ही TRP तो बढ़ रही हैं ना

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