Saturday, April 9, 2011

आजादी की दूसरी जंग जीत गए


 आज मै बहुत खुश हूँ,मै ही क्यों पूरा देश आज ख़ुशी मना रहा है...हम सब सोच रहे है आजादी की दूसरी जंग जीत गए है...अंग्रेजो से गाँधी ने छुटकारा दिलाया,भ्रष्टाचार से अन्ना ने जीत दिला दी...उम्मीद की किरण तो शुक्रवार की रात को ही निकल गई थी पर रौशनी आज सुबह नजर आई जब अन्ना ने सरकार से जीत मिलने के बाद अनशन ख़त्म करने का एलान कर दिया..
                     खबर ये है की जनलोकपाल विधेयक को लेकर सरकार और अन्ना हज़ारे के बीच शुक्रवार की रात को हुए समझौते के बाद अन्ना हज़ारे ने शनिवार की सुबह अपना आमरण अनशन तोड़ दिया... अन्ना ने पहले उन लोगों का अनशन तुड़वाया जिन्होंने उनके साथ व्रत रखा था और उसके बाद अपना अनशन तोड़ा...अन्ना ने एक छोटी बच्चों के हाथों पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा. लोगों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, "ये मेरी नहीं आप सबकी जीत है.इस आंदोलन में युवा शक्ति का शामिल होना उम्मीद की किरण है. अब हमारी ज़िम्मेदारी बढ़ गई, हमें लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करना है ये पहली चुनौती है. दूसरा संघर्ष है मसौदा बनने के बाद मंत्रिमंडल इसे मंज़ूर करे. तीसरा संघर्ष है लोक सभा में मंज़ूर करवाना. सत्ता का विकेंद्रीकरण की माँग हमारा एक और लक्ष्य है.".अन्ना ने शुक्रवार रात को घोषणा की थी कि वे शनिवार सुबह अपना अनशन समाप्त कर देंगे. हालांकि उनका कहना था कि सरकार के आदेश की कॉपी देखने के बाद ही वे ऐसा करेंगे. अनशन तोड़ने की ख़बर के मिलते ही जंतर-मंतर में जमा लोगों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई....इस अवसर पर स्वामी अग्निवेश ने कहा, "लोगों ने एकजुटता का परिचय दिया है. इस जीत का सारा श्रेय लोगों को जाता है. लेकिन लड़ाई ख़त्म नहीं हुई है बल्कि शुरु हुई है. सरकारी अधिसूचना तो कागज़ का टुकड़ा है इसमें अपने संघर्ष से जान डालनी पड़ेगी."
                     समझौते के अनुसार नए लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार 10 सदस्यीय संयुक्त समिति बनाएगी. इसमें पांच लोग नागरिक समाज के प्रतिनिधि होंगे और पांच लोग सरकार की तरफ़ से होंगे. चेयरमैन का पद सरकार के पास रहेगा तो वाइस चेयरमैन नागरिक समाज का होगा....सरकार की तरफ़ से प्रणब मुखर्जी, मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल, क़ानून मंत्री वीरप्पा मोईली, गृह मंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान ख़ुर्शीद शामिल हैं.....आंदोलनकारियों की तरफ़ से ख़ुद अन्ना हज़ारे के अलावा अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री शांति भूषण शामिल होंगे.शांति भूषण संयुक्त समिति के सह अध्यक्ष भी होगें...जल्द है संयुक्त समिति की बैठक होगी और उम्मीद है कि सरकार संसद के मॉनसून सत्र में इस बिल को संसद में पेश करेगी. 

इस समझौते में सरकार की ओर से सबसे अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताक़त को दर्शाता है...सिब्बल ने कहा, '' मुद्दा ये नहीं है कि किसकी जीत और किसकी हार हुई है. इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार की लड़ाई में पूरा देश एक साथ हैं''...उन्होंने बताया कि कोशिश होगी कि 30 जून तक मसौदा तैयार करने का काम ख़त्म कर लिया जाएगा...इस अभियान में अन्ना के क़रीबी सहयोगी रहे पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री और शांति भूषण ने कहा कि लोकतंत्र में कितनी शक्ति होती है ये अन्ना हज़ारे और उनके समर्थकों ने साबित कर दिया है....उन्होंने कहा,''77 के बाद से ये पहली इतनी बड़ी जीत है. अगर जनता अपनी शक्ति पहचान ले और शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी बात रखे तो सरकार को झुकना ही पड़ेगा."
                   इस पूरे मामले ने ये तो साफ़ कर दिया है की भ्रष्टाचार अब बर्दाश्त नही किया जायेगा...जनता इस मसले पर एकजुट हुई तो सरकार के पसीने छूट गए..सरकार को लगा वक्त रहते अन्ना की मांगे नही मानी गई तो जंतर-मंतर कही तहरीर चौक में न तब्दील हो जाये..."तहरीर" मतलब परिवर्तन की आंधी आये इससे पहले सरकार जन-लोकपाल विधेयक लागू करने पर राजी हो गई...लोकतन्त्र ने शनिवार को आजादी की दूसरी लड़ाई जीत लेने का जगह-जगह जश्न मनाया...पूरा देश तन्त्र"सरकार"की हार से जितना खुश नही था उससे कहीं ज्यादा ख़ुशी भविष्य के सुनहरे सपने को लेकर था..

6 comments:

  1. satyaprakash ji
    badhai ho aap ke sath ham bhi khush hai,poora desh khush hai....

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  2. anna hazare ne dusari aazadi dila di hai...
    satya prakash badhai ho

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  3. chor-uchakko se desh ko bachna hoga.......

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  4. आपके इस पोस्ट से एक ओर जहाँ देश के प्रति सम्मान झलकता है वही आपने खुशियों को बटने का सशक्त माध्यम इसे चुना है....बधाई हो सत्यप्रकाश जी

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  5. 77 के बाद से ये पहली इतनी बड़ी जीत है.

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  6. कुछ लोग जीते जी इतिहास रच जाते हैं कुछ लोग मर कर इतिहास बनाते हैं और कुछ लोग जीते जी मार दिये जाते हैं फिर इतिहास खुद उनसे बनता हैं बहुत मार्मिक रचना..बहुत सुन्दर...नवरात्रा की आप को शुभकामनायें!

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